राजनीतिक और हैहयवंश


राजनीतिक और हैहयवंश

      विगत राजनैतिक परिवेश में हमारें हैहयवंशीय सामाजिक लोगो द्वारा न सिर्फ विभिन्न मीडिया साधनों के माध्यम से देखने को मिला की वह प्रदेश की राजनीती में एक नया अध्याय लिख देंगे| जिसमे समाज के कुछ लोगो द्वारा चुनाव में सहभागिता कर चुनाव लडने का भी फैसला किया पर दुर्भाग्य से सफलता नहीं मिल सकी, किसी भी समाज के प्रगति और विकास के लिए राजनैतिक पकड़ की जरुरत अवश्य ही होती है जिसके बिना हम सरकारी लाभ और हक नहीं प्राप्त कर सकते है, यह सच है परन्तु यह भी सच है की बिना किसी तैयारी और संगठन के स्वरुप और कार्य-क्षमता के कोई भी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है, जिसका परिणाम हमारे सामने है| हमें पहले अपने संगठनात्मक स्वरुप और उसके ढांचे को मजबूत करना होगा| हमें एक ऐसा शशक्त सामाजिक संगठन और स्वरुप का निर्माण करने के साथ उसका शक्ति प्रदर्सन कर समाज को देना होगा की जिससे राजनैतिक दल स्वंम हमें अपनाए और हमारी सहभागिता अपने अपने पार्टी में प्रदान करे| 

       समाज के कुछ लोग चंद लोभ और तवरित लाभ के लिए समाज को राजनीती के तरफ ले तो जा रहे है पर इसका लाभ हमें इतने आसानी और जल्दी में नहीं प्राप्त हो सकेगा| हम ऐसा प्रयास कर मात्र अपनी ऊर्जा और धन के साथ समय का दुरपयोग कर रहे है, इससे ज्यादा कुछ नहीं| यदि हमें राजनैतिक लाभ प्राप्त करना है तो सबसे पहले हमें अपना सामाजिक संगठन शशक्त और मजबूत कर राजनैतिक लोगो को इसका आभास करना होगा की हम किसी भी राजीनति को प्रभावित कर सकते है, हमें इसके लिए पहले राजनैतिक पार्टी के संगठन में स्थान बनाना होगा, जिससे हम अपने समाज के साथ साथ दूसरे समाज में भी अपनी सामाजिक और राजनैतिक पकड़ बना सके और इसके बाद हम चुनाव में अपनी सहभागिता बनाए| हम सबसे पहले उन जगहों कस्बो, शहरों, जिलो को चुने जन्हा पर हमारे समाज की आबादी समुचित मात्रा में जीत के लिए है, और हम पहले ग्राम-सभा, नगरपालिका, पंचायत और पार्षदों के चुनाव की तैयारी करे जिसमे हम अपनी जीत सुनश्चित लगे, और फिर धीरे धीरे समाज में आपनी राजनैतिक पकड़ बनाते हुए अन्य बड़े चुनावो के तरफ आगे बढे तभी हमारा राजनैतिक लाभ बन सकेगा| हम यह जानते है की हारे समाज में बहुत से जगहों पर राजनैतिक पकड़ और सहभागिता है पर वह काफी नहीं है|  

      हमारा सुझाव यह होगा की हम इसके लिए एक अलग समूह या संगठन बनाकर इस पर चर्चा और विचार विमर्श करे की किन किन जगहों पर हम राजनैतिक लाभ और अपनी सहभागिता कर सकते है उन जगहों का चुनाव कर वहा के सामाजिक लोगो से मिला जाय और एक रणनीति बनाकर उस जगह चुनाव में जितने के लिए तन-मन और धन से उनका सहयोग किया जाय जिससे उन स्थानों पर हम ओअने समाज की राजनैतिक उपस्थिति दर्ज करते हुए अन्य स्थानों पर सफलता के लिए एक उदहारण बने| अन्यथा हम छंद-छंद और बिखरे रूप में रहते हुए कभी भी अपनी राजनैतिक स्थान स्थापित नहीं कर पायंगे| इसमे कोई दो राय नहीं की हमारे समाज में और हममे सामाजिक रूप से राजनिति करने में कोई कमी या योग्यता नहीं है परन्तु इसका उपयोग हम कैसे करते है यह इस पर निर्भर करता है| क्योकि बिना किसी निश्तित योजना और कार्य क्षमता और समीकरण के हम सफल  नहीं हो सकते है|  इस पर आज समाज को विचार किये जाने की आवश्यकता है|
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