कविता क्षत्रियता जिसकी पहचान

"हैहयवंशी क्षत्रिय समाज की एकता के लिए "
हैहयवंश क्षत्रिय हो एक पहचान


क्षत्रियता जिसकी पहचान
कविता

आज हैहयवंश का एक नाम है। 
क्षत्रियता जिसकी पहचान है॥ 
सभी उपनामो में एक नाम है। 
स्वेच्छा से लिखना एक काम है॥ 
हम विभिन्न उपनामो से अनजान है। 
क्षत्रिय जती के लिए सर्वमान है॥ 
रहे कही बसे कही यह हमारी मान है। 
अपनी सोयी वंश को जगाना हमारा ज्ञान है॥ 
हैहयवंशीय बन वंश बचाना हमारा काम है। 
हम क्षत्रिय है यही हमारी शान है॥ 

क्षत्रियता हमारे धर्म, कर्म और संस्कार है  
हैहयवंशीय लिखो, पढ़ो और गर्व से कहो हम क्षत्रिय है

सामाजिक जनहित में जारी- डा० वी० एस० चंद्रवंशी

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