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बर्तन कारोबारियों का मूल इतिहास

बर्तन कारोबारियों का मूल इतिहास प्राचीन काल से ही जीवन यापन के लिए जिस तरह से रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता रही है ठीक उसी प्रकार जीवन यापन (भूख को मिटाने) के लिए खाद्यान्नों को पकाने और बनाने के लिए बर्तनों का आविष्कार समय के अनुसार बनता और बदलता रहा है, तथा प्राचीन काल से ही जब से धातु के बर्तनों का प्रयोग शुरू हुआ तभी से लेकर आज तक बर्तन के कार्य को बनाने और उनका व्यापार करने वाले विभिन्न स्थानों और रूपों में विभिकराते आ रहे है, समय के साथ बर्तनों के रूप और पद्धिति में बदलाव आया जिससे आज का बर्तन उद्योग और उसका कार्य और व्यापार करने वाले भी प्रभावित हुए है| इतिहास गवाह है की जब धातु नहीं थे तब मिटी के बर्तनों का प्रयोग बहुधा हवा करता था और सभी लोग उसी बर्तन का उपयोग जीवन यापन के लिए करते थे| जब से धातु खनिज का आविष्कार हुवा तब से वर्तमान तक विभिन्न धातुवो के बर्तनों का प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता रहा है वर्तमान में स्टील, प्लास्टिक, फाइबर और बोंन-चाइना के बर्तनों का प्रयोग शुरू हो गया है, जिसमे स्टील ने धातु  के बर्तोनो का प्रयोग बहुते हो रहा है|  जिसके कारण हस्थ निर्मित