संदेश

अक्तूबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एकता और शक्ति से ही सामाजिक परिवर्तन संभव

एकता और शक्ति से ही सामाजिक परिवर्तन संभव दुनिया में कही भी यदि विकास और प्रगति हुयी है तो वह बिना एकता और शक्ति के संभव नहीं हुयी है| ठीक इसी प्रकार जो भी समाज आज हमसे आगे है वह एकता और शक्ति के कारण ही आगे बढे है| इस तथ्य पर हम सभी सामाजिक जन को विचार करना चाहिए| हमारे सामाजिक पिछडेपन के लिए यदि सबसे बड़ी कोई बाधा है तो हममें एकता का अभाव, हम शशक्त होते हुए भी बिखरे और पिछड़े है| आज हर तरफ लोग सामाजिक विकास और सामाजिक संगठन और उससे भी आगे बढ़कर राजनैतिक सहभागिता की बाते हो रही  है परन्तु यह सब तभी संभव हो सकेगा जब हममे सामाजिक जागरूपता के साथ – साथ एकता और शक्ति होगी| अत: सबसे पहले हमें इस दिशा में कार्य करना होगा| आज के इस व्यस्तम जीवन चर्या और भागाम्दौर भरे सामाजिक मौहोल में यह एक बड़ी चुनौती है| इससे हम सभी इनकार नहीं कर सकते है| परन्तु यदि हम सभी को अपने समाज में वास्तव में परिवर्तन लाना है तो इन सभी बाधाओं को देखते हुए समाज के हर व्यक्ति को अपना कुछ ना कुछ समय सामाजिक एकता और समरसता के लिए देना पडेगा| हममे न तो शक्ति की कमी  है ना बुद्धी की यदि कमी कही है तो हम एक दूसरे को समय स